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कम्प्यूटर क्या होता है | What is Computer in hindi ?
कम्प्यूटर क्या होता है इसकी विशेषताएं, इतिहास, परिभाषा की जानकारी हिंदी में
कम्प्यूटर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। बच्चे से बड़े तक हर कोई कम्प्युटर की जानकारी लेना चाहता है। कम्प्युटर एक ऐसी खोज है जो दिन प्रतिदिन विकास करती जा रही है। कम्प्युटर जिसे हिन्दी मे गणना कहा जाता है, उसका इस्तेमाल पहले calculation के लिये किया जाता था, लेकिन आज के समय मे, ये blogging, web designing, digital marketing इत्यादि के काम भी आता है। कम्प्युटर के जरिये इंसान घर बैठे भी पैसे कमा सकता है। सरकारी दफ्तरों मे पहले सारा data register पर ही बनाया जाता था, लेकिन आज के समय मे कम्प्युटर सरकारी दफ्तरो मे भी रखा जाने लगा है, उसका कारण है लंबे समय तक data का कम्प्युटर मे safe होना। इसलिए हम सभी को अच्छी तरह से कम्प्यूटर का परिचय होना चाहिए। तभी हम इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग ठीक ढंग से करने में कामयाब हो सकते है।
तो आइये जानते है, कम्प्युटर क्या है (What is Computer), कम्प्युटर की परिभाषा (Definition of Computer), कम्प्युटर का इतिहास (History of Computer), कम्प्युटर के प्रकार (Parts of Computer), कम्प्युटर कैसे काम करता है (How Computer works), (Generation of Computer)
Computer को शब्दो मे बांधना थोडा सा मुश्किल होता हैं। ऐसा इसलिए है कि हर इंसान Computer का उपयोग अलग-अलग कार्यों के लिए करता है। कभी कम्प्युटर का इस्तेमाल टाइप करने के लिए होता है तो कभी, कोडिंग के लिए।
ऊपर जो Computer आप देख रहे है इसे ‘Desktop’ कहते है। वर्तमान समय में इसी प्रकार के Computer अधिक प्रचलित है। इस फोटो में आपको कई अलग-अलग उपकरण दिख रहे होंगे ये सभी मिलकर Computer को मशीन बनाते है। आइए इन उपकरणों के बारे में संक्षिप्त में जानते है।
कंप्यूटर क्या है - What is computer?
आइए फिर जानते हैं "What is computer" means Computer kya hota hai - Computer एक मशीन ही होती है जिसका मनुष्य लगभग हर क्षेत्र में अपना काम आसान करने के लिये उपयोग करता है। Computer शब्द Eglish भाषा के COMPUTE वर्ड से बना है, जिसका मतलब है “गणना करना” इसके ऐसे अर्थ के कारण इसे गणक या संगणक भी कहा जाता है।
"computer is an electronic device which is used for fast calculation."
कंप्यूटर के प्रकार | Types of Computer -
Types of computer का मतलब कम्प्युटर कितने प्रकार का होता है - कंप्यूटर का कोई फिक्स टाइप नहीं होता है Types of computer को उसके वर्किंग स्पीड और कंप्यूटिंग पावर के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है
यहाँ पर कुछ टाइप निम्नवत है -
- पर्सनल कम्प्यूटर्स (PC)
- वर्क स्टेशन (Workstation)
- मिनिफ़्रेम (Miniframe)
- मेनफ्रेम (Mainframe)
- सुपर कंप्यूटर (Super)
कंप्यूटर फुलफॉर्म | What is computer full form
Computer Full Form English के कुछ simple वोर्ड्स द्वारा बनाया गया है |
C = Common
O = Operating
M = Machine
P = Particularly
U = Used For
T = Technical
E = Education
R = Research
कंप्यूटर कैसे कार्य करता है - How to work computer in hindi?
कंप्यूटर की पीढ़ियां - Generation of Computer
प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का निर्माण 1946 में किया गया | इसके बाद वर्तमान समय के कंप्यूटर तक जो भी सुधार हुए, उनको पांच भागो में बाटा गया है -
- प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर (First Generation of computer)
- द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर (Second Generation of computer)
- तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर (Third Generation of computer)
- चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर (Fourth Generation of computer)
- पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर (Fifth Generation of computer)
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर - फर्स्ट पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग होता था यह कंप्यूटर बहुत बड़े आकार के होते थे
कुछ कंप्यूटर के नाम -
- ENIAC (Electronic Numerical Itegrater and calculator)
- UNIVAC (Universal Automatic Computer)
UNIV=Universal
A=Automatic
C=Computer.
द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर - इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग होता था | ट्रांजिस्टर जो सिलिकॉन एवं जर्मेनियम पदार्थों से बनाया जाता था जो ऊष्मा नहीं उत्सर्जित करते थे |
कुछ कंप्यूटर के नाम -
- UNIVAC 1108
- RCA 501
- IBM-700
तृतीय पीढ़ी के कंप्यूटर - इस पीढ़ी के कंप्यूटर में IC (Integrated Chip) का उपयोग होता था | यह सैकड़ो कॉम्पोनेन्ट का काम अकेले करती थी यह आकार में भी बहुत छोटी थी|
कुछ कंप्यूटर के नाम -
- I.C.L.-2903
- C.P.C. 1700
चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर - इस पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रो प्रोसेसर्स का उपयोग होता था | यह अनेक आईसी का कार्य अकेले करता था |
कुछ कंप्यूटर के नाम -
- Commador-PET
- D.C.M-TANDY
पंचम पीढ़ी के कंप्यूटर - इस पीढ़ी के कंप्यूटर में कृत्रिम बुद्धि अर्थात Artificial Intelligence का उपयोग हो रहा है |
1. System Unit
System Unit एक बक्सा होता है जिसमें Computer को अपना कार्य करने के लिए आवश्यक यंत्र लगे होते है। सिस्टम युनिट को CPU जिसका full form है, Central Processing Unit। इसमें मदरबोर्ड, प्रोसेसर, हार्ड डिस्क आदि यंत्र होते है जो Computer को कार्य करने के उपयोगी बनाते हैं।
2. Monitor
Monitor एक आउटपुट उपकरण है जो हमें दिए गए निर्देशों के परिणामों को दिखाता है। यह बिल्कुल टीवी के जैसा होता है। वर्तमान में मॉनिटरो की जगह एल सी डी एवं एल ई डी ने ले ली है।
3. Keyboard
Keyboard एक इनपुट उपकरण है जो हमें Computer को निर्देश देने के लिए होता है। इसकी मदद से ही Computer मे हम कुछ लिख पाते हैं।
4. Mouse
Mouse भी एक इनपुट उपकरण है जो Computer को निर्देश देने के लिए होता है। हम इसके द्वारा Computer में उपलब्ध प्रोग्राम को चुनते है।
5. Speakers
Speakers आउटपुट उपकरण है जो हमें Computer से आवाज को सुनने में मदद करते है। इन्ही के द्वारा हमें गानों, फिल्मों, प्रोग्रामों तथा खेलों आदि में उपलब्ध ध्वनी सुनाई देती है।
6. Printer
Printer भी एक आउटपुट उपकरण है जो Computer द्वारा विश्लेषित सूचनाओं को कागज पर प्राप्त करने के लिए होता है। कागज पर प्राप्त होने वाली सूचनाओं को ‘हार्डकॉपी’ भी कहते है और इसके उलट जो सूचनाए Computer में ही रक्षित रहती है उन्हे ‘सॉफ्टकॉपी’ कहते है.
कम्प्यूटर का इतिहास – History of Computer in Hindi
आधुनिक कम्प्यूटर इतिहास की देन हैं। जिसकी शुरुआत ईसा पूर्व ही हो चुकी थी। जब चीनियों ने अबेकस का आविष्कार किया। इसके बाद विभिन्न प्रकार के स्वचालित मशीने अस्तित्व में आई। और चार्ल्स बैबेज द्वारा बनाया गया स्वाचालित इंजन आज के कम्प्यूटर का आधार बना।
कम्प्यूटर का इतिहास कुछ इसी तरह के उतार-चढावों से भरा हुआ है। जिसके बारे में संक्षेप में नीचे बताया गया हैं-
- Abacus दुनिया का पहला गणना यंत्र था जिसके द्वारा सामान्य गणना (जोडना, घटाना) की जा सकती थी।
- अबेकस का आविष्कार लगभग 2500 वर्ष पूर्व (इसका सही-सही समय ज्ञात नहीं हैं) चीनीयों द्वारा किया गया।
- यह यंत्र 17वीं शताब्दी तक गनना करने का एक मात्र उपकरण बना रहा।
- 1017 में John Napier ने अपनी किताब “Rabdology” में अपने गणितीय उपकरण का जिक्र किया। जिसका नाम “Napier’s Bones” था। इस डिवाइस का उपयोग उत्पादों की गणना तथा भागफल ज्ञात करने के लिए किया जाता था। इस डिवाइस में गणना करने के लिए इस्तेमाल होने वाली विधि को ‘रेब्दोलॉजी’ कहा जाता था।
- इस डिवाइस द्वारा जोडना, घटाना, गुणा, भाग भी किये जा सकते थे।
- John Napier के आविष्कार के कुछ साल बाद (1620 के आसपास) ही माननीय William Oughtred ने “Slide Rule” का आविष्कार कर लिया।
- इसके द्वारा गुणा, भाग, वर्गमूल, त्रिकोणमीतिय जैसी गणनाएं की जा सकती थी। मगर जोड तथा घटाव के लिए कम इस्तेमाल किया हुआ।
- 1642 में माथ 18 वर्ष की अल्पायु में फ्रेंच वैज्ञानिक और दार्शनिक ने पहला व्यवहरिक यांत्रिक कैलकुलेटर बनाया।
- इस कैलकुलेटर का नाम “पास्कालिन” था। जिसके द्वारा गणना की जा सकती थी।
- फिर 1671 में पास्कालिन में सुधार करते हुए एक एडवांस मशीन ‘Step Reckoner’ का आविष्कार हुआ। जो जोडने, घटाने के अलावा गुणा, भाग, वर्गमूल भी कर सकती थी।
- Gottfried Wilhelm Leibniz द्वारा विकसित इस मशीन में भंडारण क्षमता भी थी।
- Binary System भी इन्ही के द्वारा विकसित किया गया। जिसे एक अंग्रेज ‘George Boole’ ने आधार बनाकर 1845 में एक नई गणितीय शाखा “Boolean Algebra” का आविष्कार किया।
- आधुनिक कम्प्यूटर डाटा संसाधित करने और तार्किक कार्यों के लिए इसी बाइनरी सिस्टम और बुलीन अल्जेब्रा पर ही निर्भर रहते हैं।
- 1804 में फ्रेंच के एक बुनकर ‘Joseph-Marie-Jacquard’ ने एक हथकरघा बनाया। जिसका नाम ‘Jacquard Loom’ था।
- इसे पहला ‘सूचना-संसाधित’ डिवाइस माना जाता हैं।
- और इस डिवाइस के आविष्कार ने साबित कर दिया कि मशीनों को मशीनि कोड द्वारा संचालित किया जा सकता था।
- 1820 में फ्रांस के ‘Thomas de Colmar’ ने “Arithmometer” नामक एक नई गणना मशीन बनाई।
- जिसके द्वारा गणित के चार बुनियादी कार्य जोडना, घटाना, गुणा, भाग किये जा सकते थे।
- मगर द्वितीय विश्व युद्ध के कारण इस मशीन का विकास रुक गया।
- आधुनिक कम्प्यूटर के पितामह माननीय ‘Charles Babbage’ ने 1822 में “बहुपदीय फलन” का सारणीकरण करने के लिए एक स्वचालित यांत्रिक कैलकुलेटर का आविष्कार किया।
- इस कैलकुलेटर का नाम “Difference Engine” था।
- यह भाप द्वारा चलती थी और इसका आकार बहुत विशाल था।
- इसमे प्रोग्राम को स्टोर करने, गणना करने तथा मुद्रित करने की क्षमता थी।
- इस इंजन के लगभग एक दशक बाद 1833 में “Analytical Engine” डिजाइन किया।
- इस इंजन को ही आधुनिक कम्प्यूटर का शुरुआती प्रारुप माना जाता हैं। इसलिए ही “चार्ल्स बैबेज” को कम्प्यूटर का जनक कहा जाता हैं।
- इस मशीन मे वे सभी चीजे थी जो मॉडर्न कम्प्यूटर में होती है।
- Analytical Engine में Mill (CPU), Store (Memory), Reader and Printer (Input/Output) का काम कर रहे थे।
- अब आधुनिक कम्प्यूटर की नींव रखी जा चुकी थी |
इसके बाद कम्प्यूटर ने तेजी से विकास किया और नई-नई तकनीकों का आविष्कार किया गया। जिसके कारण कम्प्यूटर आज के समय का सबसे उपयोगी वस्तु बन चुकी है। सरकारी दफ्तरों, प्राइवेट offices से लेकर हर घर तक कम्प्युटर ने अपनी जगह बना ली है। बड़े से बड़े डाटा को कम्प्युटर मे स्टोर किया जा सकता है। कम्प्युटर की वजह से बड़े से बड़े calculations को seconds मे solve किया जा सकता है।
कप्यूटर के जनक - कम्प्युटर के जनक किसे कहा जाता है ?
कंप्यूटर के खोजकर्ता चार्ल्स बैबेज थे | चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक (Father Of Computer) भी कहा जाता है।
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