- Thursday, 12:33:00 PM, 22-Feb-2024
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टीवी अभिनेता ऋतुराज सिंह का अचानक निधन (TV actor Rituraj Singh passes away)
टीवी अभिनेता ऋतुराज सिंह का अचानक निधन (TV actor Rituraj Singh passes away)
हाल ही में टीवी अभिनेता ऋतुराज सिंह का निधन हो गया जिनकी उम्र 59 साल थी। उनको बीमारियों के कारण बहुत ही जल्दी उनकी मृत्यु हो गई ऋतुराज सिंह का 59 साल में अग्नाशय की बीमारी के इलाज के बाद अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया ।अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि दोनों के बीच संबंध के बारे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसी भी तरह की अग्नाशय की बीमारी आपके दिल के लिए बहुत ही जोखिम भरा हो सकता है, कई मौजूदा अध्ययनों ने एक संघ दिखाया है कि लेकिन इस तरह के कार्य कारण नहीं है।
जांच के बाद संजीव गिरा निदेशक और होड़ कार्डियोलॉजी पॉलिटिक्स अस्पताल नोएडा बताते हैं कि अग्नाशय की बीमारी सीधे कार्डियक अरेस्ट के कारण नहीं बन सकती है, जब तक की किसी को दिल में छपी या अनियंत्रित स्थिति न पैदा हो या उनके पास उच्च रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर या फिर मधुमेह यानि शुगर की बीमारी ना हो रक्त शर्करा का अस्तर बढ़ाना या घटना कोलेस्ट्रॉल धूम्रपान तनावपूर्ण स्थिति या गठन जीवन शैली जैसे जोखिम कारक जब तक ना हो तब तक दोनों से कोई प्रॉब्लम नहीं है। जिस किसी को भी अग्नाशय की बीमारी के साथ यह जोखिम कारक मिले हैं। वह भी छोटी-छोटी रूकावटों के टूटने और दिल के दौरा पड़ने की चपेट में है कभी-कभी थक और रुकावट दिल की विद्युतीय आवेगो में हस्तक्षेप करती हैं। जिसे अचानक कार्डियक अरेस्ट हो जाता है रोगियों के वास्तविक साक्ष्य के आधार पर उन्होंने पाया है कि ज्यादातर जिन लोगों को अग्नाशय की बीमारी होती है वह शराबी और भारी धूम्रपान करने वाले में अधिक पाई जाती है। इसलिए उनके मुख्य हृदय रोग होने की संभावना बहुत अधिक होती है।
सडेन कार्डियक अरेस्ट (एससीए) का बढ़ता जोखिम
सडेन कार्डियक अरेस्ट (एससीए) हृदय रोगों के कारण होने वाली मौत के प्रमुख कारकों में से एक है। इसे हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक माना जाता है। अनियमित हृदय गति के कारण हृदय की सभी गतिविधियों के अचानक रुक जाने से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। इसमें व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है और अगर उसे तत्काल उपचार न मिले तो हृदय गति रुकने से मृत्यु भी हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कार्डियक अरेस्ट किसी को भी हो सकता है, पहले से हृदय रोगों की समस्या वाले व्यक्ति में इसका खतरा अधिक देखा जाता रहा है।
इन सभी के अलावा सूजन रक्त वाहिकाओं की दीवारों को भी नुकसान पहुंचाने लगती है अर्थात कह सकते हैं कि इन सभी बीमारियों के कारण जो हमारे रक्त वाहिकाएं होती हैं नलिकाएं होती हैं उसमें सूजन के कारण यह सब दिक्कतें बढ़ने लगते हैं तो पट्टीका आसानी से फट जाती है। क्योंकि उसमें थक्के जम जाते हैं जिससे दिल का दौरा पड़ता है जब दिल का दौरा रक्त प्रवाह को रोकता है यानी बाधित करता है और क्षतिग्रस्त हृदय ऊतक हृदय को नियंत्रित करने वाले विद्युत संकेतों को बाधित करता है तो अचानक कार्डियक अरेस्ट होती है इस डॉ गेरा भी कहते हैं।
तीव्र अग्नाशय सूट से पीड़ित रोगियों के मामले में तनाव कार्डियो मायोपैथी पर भी विचार किया जाना चाहिए क्योंकि यह स्थिति शरीर में बहुत ज्यादा तनाव देती है और भी बहुत सारे चीज पैदा करती हैं इसलिए यह इसका मुकाबला करने के लिए एड्रेनालाईन और नॉरएड्रेनालाईन पैदा करती हैं। और इसके अतिरिक्त केंद्रीय लाइन 10 धमनियों को संकुचित करता है और हृदय में रक्त के प्रवाह को भी काम करता है। इन सभी के कारण दिल में धड़कनों का प्रवाह धीरे होने लगता है जिस दिल ठीक पर प्रकार से धड़क नहीं पता और दिल को रोक दिया जा सकता है और अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकती है।
पैंक्रियाटाइटिस के भी थे शिकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऋतुराज सिंह पैंक्रियाटाइटिस की समस्या के भी शिकार थे, जिसके कारण वह पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती हुए थे, हालांकि बाद में उन्हें डिस्टचार्ज कर दिया गया था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, पैंक्रियाटाइटिस जिसे अग्नाशयशोथ भी कहा जाता है, ये अग्न्याशय में सूजन की समस्या है। अग्न्याशय शरीर को भोजन पचाने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। पैंक्रियाटाइटिस के कारण अग्न्याशय को क्षति हो सकती है जिसपर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये दिक्कतों को बढ़ाने वाली भी हो सकती है।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पैंक्रियाटाइटिस की गंभीर स्थिति हृदय रोगों के खतरे को भी बढ़ाने वाली मानी जाती है।
कैसे करें इस रोग की पहचान?
पैंक्रियाटाइटिस होने के कई कारण होते हैं और इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस की स्थिति में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, बुखार, पल्स रेट बढ़ने, पेट की समस्या होने या बार-बार उल्टी की दिक्कत हो सकती है। समस्या बढ़ने के साथ बिना प्रयास किये वजन कम होने, शौच में दिक्कत भी बढ़ने लग जाती है।
डॉक्टर बताते हैं, जो लोग शराब-धूम्रपान का सेवन अधिक करते हैं उनमें समय के साथ इस समस्या का खतरा अधिक हो सकता है।
क्या पैंक्रियाटाइटिस के कारण हो सकता है कार्डियक अरेस्ट?
डॉक्टर बताते हैं, पैंक्रियाटाइटिस सीधे तौर पर हृदय की लिए समस्याकारक नहीं है पर अक्यूट पैंक्रियाटाइटिस की स्थितियों के कारण हृदय गति रुकने या कार्डियक अरेस्ट का खतरा हो सकता है। अध्ययन की रिपोर्ट से पता चलता है कि जिन लोगों को पैंक्रियाटाइटिस की दिक्कत रही है उन्हें हृदय स्वास्थ्य पर गंभीरता से ध्यान देते रहना चाहिए।
तो आपकी जान सकते हैं कि अग्नाशय की बीमारी वाले किसी भी व्यक्ति को खुद का इलाज करते समय ध्यान देना चाहिए कि उसको सही और नियमित तरीके से व्यायाम भजन और उसे रिलेटेड जो भी मेडिसिन चल रही है उसकी नियमित इसका सेवन करना चाहिए और उसके साथ-साथ हृदय की जांच भी करवाते रहना चाहिए यहां तक कि अगर आपके पास नहीं है तो अपनी बीमारी की गंभीरता पर निगरानी स्वयं रखें यदि आपके शरीर में लंबे समय से लगातार संक्रमण है तो उसको आपको इकोकार्डियोग्राम एक और अन्य कार्डियो परीक्षण जो भी आपके लिए पॉसिबल हो वह आपको जरूर करवाना चाहिए।
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