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प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में पूर्ण जानकारी हिंदी में! | About Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana (PMKVY)
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में | About Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana (PMKVY). प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना क्या है?
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में पूर्ण जानकारी हिंदी में!
Website: https://www.pmkvyofficial.org/
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना किसी भी देश की कार्यशील जनसंख्या उसे देश की प्रगति का सूचक है। भारत विश्व में सर्वाधिक युवा शक्ति तथा कार्यशील जनसंख्या वाला देश है, देश की 60% से अधिक जनसंख्या कार्यशील आयु समूह 15 से 59 वर्ष के मध्य है एवं लगभग 50% जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है। यह आंकड़े भारत को जनसंख्या लाभांश की स्थिति में प्रस्तुत करते हैं, लेकिन कार्यशील जनसंख्या की भी पूर्व अपेक्षाएं होती हैं। वह यह है कि यह जनसंख्या स्वस्थ को कार्य कुशल हो शिक्षित एवं प्रशिक्षित हो इसी समाधान के उद्देश्य से भारत अपने मानव पूंजी का समुचित प्रयोग कर सके कि निमित्त प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को शुरू किया
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को 20 मार्च 2015 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल ने 1500 करोड रुपए लागत के साथ मंजूरी प्रदान की। तथा 15 जुलाई 2015 को इस प्रारंभ किया गया। इस वर्ष इस योजना के अंतर्गत एक वर्ष में 19.5 लाख युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया था एक वर्ष तक योजना के कुशल कार्य वन कार्य निबंध के पश्चात कैबिनेट मंत्रालय द्वारा चार वर्षो 2016 से 2020 के लिए इस योजना PMKVY 2.0 को बढ़ाया गया इसके लिए 12000 करोड रुपए आवंटित करने की घोषणा की गई।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए उद्योग-प्रासंगिक कौशल के साथ सशक्त बनाना है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा 2015 में लॉन्च किया गया, पीएमकेवीवाई विभिन्न क्षेत्रों में कुशल जनशक्ति की मांग और आपूर्ति के बीच अंतर को पाटने का प्रयास करता है।
लक्ष्य:
1. इस योजना का लक्ष्य PMKVY 2.0 के तहत वर्ष 2020 तक कुल 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किए जाने का लक्ष्य था।
2. 15 जनवरी 2022 तक की स्थिति के अनुसार PMKVY 2.0 के तहत देश भर में 1.10 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया।
पीएमकेवीवाई का लक्ष्य भारतीय युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे वे बेहतर रोजगार के अवसर सुरक्षित कर सकें और देश की आर्थिक वृद्धि में प्रभावी ढंग से योगदान कर सकें।
प्रमुख तथ्य:
1. यह योजना युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रमुख योजना है।
2. यह योजना ‘राष्ट्रीय कौशल विकास निगम’ के माध्यम से नवश्रीजीत ‘कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्रालय’ द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
3. योजना में प्रशिक्षण देते समय श्रम बाजार में नवप्रवेशी और 10वीं तथा 12वीं की पढ़ाई की को बीच में छोड़ने वाले छात्रों को प्रशिक्षित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
4. योजना में प्रत्येक प्रशिक्षों को ₹8000 से अधिक सहयोग का भी प्रावधान है।
5. कौशल विकास का लक्ष्य निर्धारण मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन, स्वच्छ भारत अभियान आज की मांगों के अनुरूप किया गया है।
वर्तमान स्थिति:
1. 15 जनवरी 2021 को भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 का शुभ आरंभ किया गया।
2. इस योजना को 300 से अधिक पाठ्यक्रमों के साथ देशभर में लगभग 600 centre पर शुरू किया गया।
3. वर्ष 2021-22 में PMKVY 3.0 के तहत 3.48 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया गया जिसमें 78% से अधिक को प्रमाणित किया गया।
PMKVY 3.0(2020 2021)
1. PMKVY 3.0 को 28 राज्यों एवं आठ केंद्र शासित प्रदेशों के 717 जिलों में लॉन्च किया गया।
2. जहां PMKVY 2.0 के तहत राष्ट्र राज्यों की भूमिका ज्यादा थी वहीं PMKVY 3.0 में जिला कौशल समितियां के माध्यम से जिला प्राधिकरण की अधिक भागीदारी की कल्पना की गई है।
3. राज्य कौशल विकास मिशनों के निर्देशन में जिला कौशल समिति कौशल अंतराल की समस्या का समाधान करने और जिला स्तर पर कौशल प्रशिक्षण की मांग का आकलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
PMKVY 3.0 के उद्देश्य
1. युवाओं के लिए ऐसे पारितंत्र का विकास करना जिससे वे उपलब्ध कौशल मार्गों का चुनाव कर सकें।
2. युवाओं को कौशल प्रशिक्षण एवं प्रमाण के सहायता प्रदान करना।
3. निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी के लिए अस्थाई कौशल प्रशिक्षण केदो को प्रोत्साहित करना।
उद्योग भागीदारी: कार्यक्रम सरकार, उद्योग और प्रशिक्षण प्रदाताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उद्योग की उभरती जरूरतों के अनुरूप बना रहे।
पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल): पीएमकेवीवाई आरपीएल पहल के माध्यम से व्यक्तियों के मौजूदा कौशल को पहचानता है और प्रमाणित करता है। इससे अनौपचारिक कार्यबल को औपचारिक बनाने और उन्हें बेहतर आजीविका के अवसर प्रदान करने में मदद मिलती है।
PMKVY 3.0 का क्रियान्वयन
i. केंद्रीय घटक:
इसका कार्य नमन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम द्वारा किया जाएगा।
ii. राज्य घटक:
इसका कार्य नमन राज्य कौशल विकास मिशनों राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित विभागों द्वारा किया जाएगा।
प्रमुख विशेषताऐं:
नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण: पीएमकेवीवाई के तहत, पात्र उम्मीदवार विभिन्न क्षेत्रों में नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। सरकार मूल्यांकन और प्रमाणन शुल्क सहित प्रशिक्षण खर्च वहन करती है।
मानकीकृत पाठ्यक्रम: कार्यक्रम उद्योग विशेषज्ञों द्वारा विकसित एक मानकीकृत पाठ्यक्रम का पालन करता है, यह सुनिश्चित करता है कि प्रदान किया गया प्रशिक्षण उच्च गुणवत्ता वाला है और उद्योग मानकों को पूरा करता है।
वित्तीय प्रोत्साहन: पीएमकेवीवाई उन उम्मीदवारों को मौद्रिक पुरस्कार प्रदान करता है जो प्रशिक्षण और मूल्यांकन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करते हैं। यह भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और व्यक्तियों को अपने कौशल को उन्नत करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
प्लेसमेंट सहायता: पीएमकेवीवाई न केवल कौशल विकास पर जोर देती है बल्कि प्रशिक्षित उम्मीदवारों के लिए प्लेसमेंट सहायता की सुविधा भी प्रदान करती है। कुशल व्यक्तियों को संभावित नियोक्ताओं से जोड़ने के लिए विभिन्न योजनाएं और पहल मौजूद हैं।
प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान दें: कार्यक्रम उच्च विकास क्षमता और कुशल जनशक्ति की मांग वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता देता है, जैसे स्वास्थ्य सेवा, खुदरा, आतिथ्य, निर्माण, मोटर वाहन, आईटी, और बहुत कुछ।
नोट: इस योजना के संपूर्ण लक्ष्य को केंद्र एवं राज्य के मध्य 75:25 के अनुपात में बांटा गया है।
निष्कर्ष:
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्य के माध्यम से गरीबी और भुखमरी को समाप्त करने लिंग समानता सुनिश्चित करने तथा सभी को सम्मानित जीवन का अवसर देने का लक्ष्य रखा गया है। विश्व की लगभग 17.5% आबादी भारत में निवास करती है। ऐसे में सतत विकास लक्ष्य भारत के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है यदि भारत की कार्यशील जनसंख्या के ज्ञानात्मक कौशल आत्मक स्टार में वृद्धि कर दी जाए तो अनेक समस्याओं जैसे गरीबी, भुखमरी, पोषण, स्वास्थ्य, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छता, समावेशी एवं सतत विकास की समस्याओं का निदान संभव है। यह केवल सीमांत व्यक्ति की स्थिति में ही सुधार नहीं करेगा बल्कि देश की जीडीपी (GDP) की वृद्धि में भी सहायक सिद्ध होगा।।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 21वीं सदी के नौकरी बाजार में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल के साथ अपने युवाओं को सशक्त बनाकर भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। कौशल विकास को बढ़ावा देकर, पीएमकेवीवाई एक मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण और पूरे देश में समावेशी विकास को बढ़ावा देने में योगदान देता है।
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