- Thursday, 10:15:55 PM, 20-Jan-2022
- Published By: Arnima Pathak
पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर | motivational quotes in hindi
हेलो दोस्तों | आज हम आपके शरीर में एक अलग जोश भरने का प्रयास करते हुए motivational speech की कुछ लजीज पंक्तियाँ लाएं हैं तो इसको पढ़कर आपके शरीर में एक अलग जोश आएगा तो बने रहिये इस आर्टिकल पर और पढ़ कर कुछ अपने जीवन को हरा भरा करते रहिये ! [motivational quates in hindi, motivational poem ya motivational speech in hindi, about struggle life]
वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें ?.
हौसला वह क्या जिसे कुछ मुश्किलें पीछे हटा दें ?
वह प्रगति भी क्या जिसे कुछ रंगिनी कलियाँ तितलियाँ ,
मुस्कुराकर गुनगुनाकर ध्येय - पथ , मंजिल भुला दें ?
जिन्दगी की राह पर केवल वही पंथी सफल है ,
आँधियों में , बिजलियों में जो रहे अविचल मुसाफिर !
पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर ।।
जानता जब तू कि कुछ भी हो तुझे बढ़ना पड़ेगा ,
आँधियों से ही न खुद से भी तुझे लड़ना पड़ेगा ,
सामने जब तक पड़ा कर्तव्य - पथ तब तक मनुज ओ !
मौत भी आए अगर तो मौत से भिड़ना पड़ेगा ,
है अधिक अच्छा यही फिर ग्रंथ पर चल मुस्कुराता ,
मुस्कुराती जाए जिससे जिन्दगी असफल मुसाफिर !
पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर ।।
याद रख जो आँधियों के सामने भी मुस्कुराते ,
वे समय के पंथ पर पदचिह्न अपने छोड़ जाते ,
चिन्ह वे जिनको न धो सकते प्रलय - तूफान घन भी ,
मूक रह कर जो सदा भूले हुओं को पथ बताते ,
किन्तु जो कुछ मुश्किलें ही देख पीछे लौट पड़ते ,
जिन्दगी उनकी उन्हें भी भार ही केवल मुसाफिर !
पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर ।।
कंटकित यह पंथ भी हो जायगा आसान क्षण में ,
पाँव की पीड़ा क्षणिक यदि तू करे अनुभव न मन में ,
सृष्टि सुख - दुख क्या हृदय की भावना के रूप हैं दो ,
भावना की ही प्रतिध्वनि गूँजती भू , दिशि , गगन में ,
एक ऊपर भावना से भी मगर है शक्ति कोई ,
भावना भी सामने जिसके विवश व्याकुल मुसाफिर !
पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर ।।
देख सर पर ही गरजते हैं प्रलय के काले - बादल ,
व्याल बन फुफारता है सृष्टि का हरिताभ अंचल ,
कंटकों ने छेदकर है कर दिया जर्जर सकल तन ,
किन्तु फिर भी डाल पर मुसका रहा वह फूल प्रतिफल ,
एक तू है देखकर कुछ शूल ही पथ पर अभी से ,
है लुटा बैठा हृदय का धैर्य , साहस बल मुसाफिर !
पंथ पर चलना तुझे तो मुस्कुराकर चल मुसाफिर ।।
कड़ी मेहनत आपको वहां पहुंचा देती है जहां
अच्छी किस्मत शायद आपको पहुंचा दे
विधार्थी जीवन में छोटी-छोटी आदतें हमारे
जीवन में बड़ा फर्क पैदा कर देती हैं।
सफलता के दामन में जी भरकर सोना चाहता हूँ
जो आज तक न कर सका वो करना चाहता हूँ
हौसले भी किसी हकीम से कम नहीं होते,
हर तकलीफ़ में ताकत की दवा देते हैं।
काम करो ऐसा कि एक पहचान बन जाये,
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाये,
यहाँ ज़िन्दगी तो हर कोई काट लेता है,
ज़िन्दगी जियो इस कदर कि मिसाल बन जाये।
गिरना भी अच्छा है,
औकात का पता चलता है…
बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को…
अपनों का पता चलता है!
जिन्हे गुस्सा आता है,
वो लोग सच्चे होते हैं,
मैंने झूठों को अक्सर
मुस्कुराते हुए देखा है…
सीख रहा हूँ मैं भी,
मनुष्यों को पढ़ने का हुनर,
सुना है चेहरे पे…
किताबो से ज्यादा लिखा होता है
कोने में बैठ कर क्यों रोता है,
यू चुप चुप सा क्यों रहता है।
आगे बढ़ने से क्यों डरता है,
सपनों को बुनने से क्यों डरता है।
जन्म से कोई महान पैदा नही होता है
जग में कुछ करना पड़ता हैं।
अब्दुल कलाम जैसे को देश लिये
संकल्प वीर बनना पड़ता हैं ।
आजदी की लड़ाई मे अगर वीर सपूत
घर मे बैठे रह जाते तो ।
तकदीर को क्यों रोता है,
मेहनत से क्यों डरता है।
झूठे लोगो से क्यों डरता है,
कुछ खोने के डर से क्यों बैठा है।
हाथ नहीं होते नसीब होते है उनके भी,
तू मुट्ठी में बंद लकीरों को लेकर रोता है।
भानू भी करता है नित नई शुरुआत,
सांज होने के भय से नहीं डरता है।
मुसीबतों को देख कर क्यों डरता है,
तू लड़ने से क्यों पीछे हटता है।
किसने तुमको रोका है,
तुम्ही ने तुम को रोका है।
भर साहस और दम, बढ़ा कदम,
अब इससे अच्छा कोई न मौका है।
छोटासा है जीवन,
इसमें कुछ काम बड़ा तू कर्जा।
पूजा से कही अधिक बड़ा है,
अच्छे कर्मो का दर्जा।
हुकूमत बाजुओं के ज़ोर पर तो कोई भी कर ले,
जो सबके दिल पे छा जाए उसे इंसान कहते हैं।
लक्ष्य को पाने के लिए यदि हम तन, मन और धन लगा देते हैं,
सच कहता हूं दोस्तों, कुंडली के सितारे भी अपनी जगह बदल देते हैं।
वक्त से लड़कर जो नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे,
कल क्या होगा कभी मत सोचो,
क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल ले।
ये ज़िन्दगी हसीं है इस से प्यार करो,
अभी है रात तो सुबह का इंतज़ार करो,
वो पल भी आएगा जिसकी ख्वाहिश है आपको,
रब पर रखो भरोसा वक़्त पर एतबार करो।
चलता रहूँगा पथ पर चलने में माहिर बन जाऊंगा
या तो मंजिल मिल जायेगी या अच्छा मुसाफिर बन जाऊंगा
एक सामान्य जिंदगी जीने के लिए इंसान को
रोटी कपड़ा मकान के अलावा अगर इंसान को
किसी चीज की सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो
वो है सिर्फ शिक्षा
अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो
सूरज की तरह जलना सीखो
विधा एक कामधेनु के समान है जो हर मौसम में
अमृत प्रदान करती है वह विदेश में एक माता के
समान है जो रक्षण एवं हितकारी होती है l
इसलिए विधा को एक गुप्त धन कहा गया है
बेहतर से बेहतर कि तलाश करो,
मिल जाए नदी तो समंदर कि तलाश करो,
टूट जाता है शीशा पत्थर कि चोट से,
टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो।
जिंदगी बहुत हसीन है,
कभी हंसाती है, तो कभी रुलाती है,
लेकिन जो जिंदगी की भीड़ में खुश रहता है,
जिंदगी उसी के आगे सिर झुकाती है।
बिना संघर्ष कोई महान नही होता,
बिना कुछ किए जय जय कार नही होता,
जब तक नहीं पड़ती हथौड़े की चोट,
तब तक कोई पत्थर भगवान नहीं होता।
कदमो को बाँध न पाएगी मुसीबत की जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो अभी भटका नहीं हूँ मैं।
जीवन मे सबसे बड़ी खुशी उस काम को करने में है ,
जिसे लोग कहते है कि आप नहीं कर सकते ।
कभी पत्थर की ठोकर से भी नहीं आती जरा सी खरोच।
कभी जरा सी बात पे इंसान बिखर जाता है।
चाहे जितना मोटिवेशनल शायरी पढ़ लो
लेकिन कामयाब होने की जो प्रेरणा
रिश्तेदारों के तानों से मिलती है
वह किसी और से नहीं मिल सकती
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