- Wednesday, 1:13:52 AM, 20-Dec-2023
- Published By: Arnima Pathak
Happy New Year 2024 in Hindi | नव वर्ष की शुभकामनाए हिन्दी मे
हैप्पी न्यू इयर 2024 | Happy New Year 2024 in Hindi
Happy New Year 2024 in Hindi। 2024 की शुरुवात हो गई है, Happy New Year शब्द सुनते ही मन ख़ुशी से झूम उठता है। हर साल 1 जनवरी को नए साल स्वागत का किया जाता है। हर किसी को इस नए साल से बहुत सारी उम्मीदें होंगी। किसी किसी ने मन मे खुद से एक वादा किया होगा की इस साल ये काम हम जरूर करेंगे। पूरी दुनिया मे इस नए वर्ष को बहुत धूम धाम से मनाया गया। उम्मीद है आप सभी ने भी इस वर्ष को मनाया होगा। इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह सभी के मन मे कोरोना महामारी को लेके यही बात रहेगी की, इस वर्ष से सब पहले जैसा हो जाए। पिछले 3 सालों मे सभी को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा। लेकिन अब नए साल से उम्मीद की जा रही हैं कि इस साल में सब कुछ ठीक हो जाएगा।
जैसा की हम सब जानते हैं, पूरी दुनिया 31 दिसंबर को पुराने साल को अलविदा कहती है और 12 बजे के बाद नए साल का स्वागत करती है। पर क्या आपके मन मे कभी आया है की नया साल 1 जनवरी को ही क्यू होता है? किसी और दिन, या किसी और महीने से भी तो शुरू हो सकता है। तो चलिये जानते हैं की नव वर्ष मनाने की शुरुवात कब हुई थी तथा कहाँ से हुई थी? आखिर इसकी परंपरा क्या है? हमारा संसार जो कई धर्मो मे बंटा हुआ है, क्या वो सब 1 जनवरी को ही नव वर्ष मनाते होंगे, या उनका भी कोई खास दिन होता है, जो खास उनके लिए नव वर्ष होता है।
नए साल का इतिहास । New Year History Significance Importance
Happy New Year 2024 in Hindi. आपको बता दें कि सबसे पहले नया साल मनाने की यह परंपरा Gregorian Calendar से शुरू हुई थी। इसकी शुरूआत 15 अक्टूबर 1582 में हुई, इस कैलेंडर की शुरूआत ईसाइयों ने की थी। Gregorian Calendar आने से पहले रूस का Julian Calendar था । इसमें केवल 10 महीने ही थे और 304 दिन शामिल थे, उन दिनों एक सप्ताह भी 8 दिनों का होता था। 715 ईसा पूर्व से लेकर 673 ईसा पूर्व तक नूमा पोंपिलस रोम का राजा था। आठवीं शताब्दी ईसा पूर्व के बाद राजा नुमा पोमपिलियस ने जनवरी और फरवरी महीने को जोड़ा और सदियों तक रहा साथ ही इस कैलेंडर में क्रिसमस की तारीख भी हर साल बदलती रहती थी। पहले प्रत्येक नए साल की शुरुआत वसंत ऋतू पर होती थी।
Happy New Year 2024 in Hindi। 46 ईसा पूर्व के सम्राट जूलियस सीजर ने रोमन कैलेंडर में कुछ बदलाव किए, उसने अपने समय के सबसे प्रमुख खगोलविदों और गणितज्ञों से इस विषय पर गहन अध्यन करने को कहा। , लेकिन सूर्य की गणना के साथ इसका सामंजस्य सही नहीं बैठा और इसे बलदने की प्रक्रिया आरंभ की गई। तब इन विशेषज्ञों ने नया Julian Calendar बनाया, जो आधुनिक ग्रेगोरियन कैलेंडर जैसा दिखता था। उसमें यह सामने आया कि पृथ्वी 365 दिन और छह घंटे में सूर्य का चक्कर लगाती है। इसलिए जूलियन कैलेंडर में साल में 310 की जगह 365 दिन माना गया तथा जूलियन कैलेंडर में नई गणनाओं के आधार पर साल का 12 महीना माना गया। और 6 घंटे जो अतिरिक्त बचते थे उसके लिए लीप ईयर का कॉन्सेप्ट आया। हर 4 साल में यह 6 घंटा मिलकर 24 घंटा यानी एक दिन हो जाता है तो हर चौथे साल फरवरी को 29 दिन किया गया। वैसे तो जिस साल में 4 से भाग लग जाता है, वह लीप इयर होता है लेकिन शताब्दी वर्षों जैसे 1600,1700,1800 में 4 और 400 दोनों से पूरा-पूरा लगने पर उसे लीप इयर माना जाएगा। जैसे 1600 में तो 400 से पूरा-पूरा भाग लग जाता है लेकिन 1700 और 1800 में नहीं तो इन दोनों शताब्दी सालों को लीप इयर नहीं माना जाएगा।
अब बात आती है जनवरी को ही पहला महीना क्यू रखा? ऐसा इसलिए रखा गया क्यूंकी दरअसल जनवरी का नाम जानूस (Janus) पर पड़ा है जिसे रोम में किसी चीज की शुरुआत करने का देवता माना जाता है वहीं मार्च नाम मार्स (mars) से लिया गया था जिसे युद्ध का देवता माना जाता है। इसलिए नूमा ने जनवरी को पहला महीना बनाया क्योंकि इसका अर्थ ही शुरुआत है।
ज्यादातर कैथोलिक देशों ने तुरंत Gregorian Calendar को अपना लिया। उनमें स्पेन, पुर्तगाल और इटली के अधिकाश इलाके शामिल थे। लेकिन प्रोटेस्टेंट्स इसको तुरंत अपनाने के इच्छुक नहीं थे। खैर बाद में उन्होंने भी इसे अपनाया। ब्रिटिश साम्राज्य ने 1752 में और स्वीडन ने 1753 में इसे अपनाया। रूस में 1917 तक Julian Calendar को अपनाया गया। रूसी क्रांति के बाद वहां Gregorian Calendar अपनाया गया जबकि ग्रीस में जूलियन कैलेंडर 1923 तक चलता रहा। भारत में भी 1752 में ही Gregorian Calendar को अपनाया गया।
Calendar विभिन्न तरह के हैं
ज्यादातर Muslim Hizri Calendar को मानते हैं। Hizri Calendar में एक साल में 354 दिन होते हैं। भारत का आधिकारिक कैलेंडर शक कैलेंडर है, जिसे 22 मार्च, 1957 को अपनाया गया। इसका पहला महीना चैत्र होता है और साल में 365 दिन होते हैं। ईरान और अफगानिस्तान में Persian Calendar का इस्तेमाल होता है।
धर्मो के अनुसार नया साल
Happy New Year 2024 in Hindi। भारत में नया साल विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। ज्यादातर ये तिथियां मार्च और अप्रैल के महीने में पड़ती हैं। Punjab में नया साल Baisakhi के रूप में 13 अप्रैल को मनाया जाता है। सिख धर्म को मानने वाले इसे नानकशाही कैलेंडर के अनुसार मार्च में होली के दूसरे दिन मनाते हैं। जैन धर्म के लोग नववर्ष को दिवाली के अगले दिन मनाते हैं। यह भगवान महावीर स्वामी की मोक्ष प्राप्ति के अगले दिन से शुरू होता है।
इसके अलावा (New Year) मानने का समय रोमन संस्कृति की तरह ही अलग-अलग संस्कृतियों में अलग होता है। जैसे हिंदू, चीनी संस्कृतियों में New Year चैत्र मास (Mid of March) में मनाया जाता है। तो वहीं स्कॉटलैंड में, इन दिनों में किसी भी अदालत में काम नहीं किया जाता है और आयरलैंड की परंपरा के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति New Year के बारह दिनों के दौरान मर गया, तो वह सीधे स्वर्ग में चला जाता है।
नया साल मनाने के अनोखे तरीके (Unique Ways to Celebrate the New Year)
विभिन्न देशों में नए साल का जश्न अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, जैसे स्पेन में लोग नए साल की पूर्व संध्या पर लोग अंगूरों को उछालते हैं। वहीं क्यूबा, ऑस्ट्रिया, हंगरी और पुर्तगाल समेत कई देशों में सूअर का मांस खाया जाता है। जबकि स्वीडन और नॉर्वे में चावल का हलवा बनाया जाता है। इटली के कुछ शहरों में,लोग New Year से पहले की शाम पर अपने पुराने सोफे, कुर्सियां और यहां तक कि Refrigerator को अपनी खिड़कियों से बाहर निकालते हैं। इक्वाडोर में, लोग पिछले वर्ष की घटनाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए, पुआल से भरे Dummy बनाते हैं। जिनको रात में जलाकर अपने बुरे अतीत से छुटकारा पाने की पंरपंरा प्रचलित है।
New Year से पहले की शाम को सभी लोग उत्सव मनाते हैं। तो वहीं, अमेरिका में जिसे प्यार करते हैं और आधी रात को उन्हें चूमते हैं, उसके साथ रात बिताने का अमेरिकी पंरपरा यह बताता है कि आने वाले साल में ये दौरान रिश्ता पनपेगा। जबकि ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 31 दिसंबर को 'योरुबन' ('Yaruban') यानि "मदर ऑफ द सी " ("Mother of the Sea") के सम्मान में समुद्र पर दस लाख से अधिक लोग इकट्ठा होते हैं और एक उत्सव मनाते हैं। इसके साथ ही नए साल (New Year) के पहले दिन ब्राजील में रंग-बिरंगे अंडरवियर पहनने की पंरपंरा है,जिसके मुताबिक गुलाबी प्यार, पीला समृद्धि लाता है और सफेद शांति और खुशी।
जबकि कई संस्कृतियों में नए साल (New Year) की शुरूआत एक उत्सव की तरह की जाती है। नए साल (New Year) के दिन ऋणों का भुगतान करना, उधार वस्तुओं को वापस करना, किसी की कमियों को निकालने की आदत को छोड़ना झगड़े करना, भिक्षा देना जैसे कामों को करना अच्छा माना जाता है।
New Year पर रेजोल्यूशन (संकल्प) के इतिहास (New Year Resolution History)
Happy New Year 2024 in Hindi. New Year पर लिए जाने वाले रेजोल्यूशन (संकल्प) की भी शुरूआत रोम से ही हुई थी। इसके पीछे की मान्यता के मुताबिक, नए साल पर लिए गए संकल्प पूरे साल हमें आगे बढ़ने में मदद करते हैं। जिससे हम अपनी बुरी आदतों तक को भी छोड़ सकते हैं। इसलिए ही तब से पूरी दुनिया में भी धीरे-धीरे लोग New Year पर रेजोल्यूशन लेते हैं। रोम के बाद New Year पर रेजोल्यूशन (New Year Resolution) की पंरपरा मिस्र, ग्रीक और मेसोपेटामिया की संस्कृतियों में भी पाई गई।
MCQ:
प्रश्न- नया साल मनाने की परंपरा किस साल से शुरू हुई?
उत्तर- नया साल मनाने की परंपरा 1582 से शुरू हुई।
प्रश्न- नया साल मनाने की शुरुवात किस कलेंडर से की गई?
उत्तर- नया साल मनाने की शुरुवात Gregorian कलेंडर से की गई।
प्रश्न- सबसे पहले new year पे resolution की शुरवात की देश से हुई?
उत्तर- सबसे पहले new year पे resolution की शुरुवात Rome से हुई।
आप सब ने न्यू इयर पे क्या resolution लिया, हमे जरूर बताएं। और Happy New Year 2024 in Hindi आर्टिक्ल आपको कैसा लगा ये भी आप हमे कमेंट सेक्शन मे बता सकते हैं।
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