- Tuesday, 1:10:26 AM, 29-Mar-2022
- Published By: #Admin
मजाकिया जोक्स - Latest funny jokes, majedar jokes in hindi
funny jokes | majedar jokes in hindi
डॉक्टर- तुमने आने में देर कर दी...
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सोहन- क्या हुआ डॉक्टर साहब....
कितना वक्त बचा है मेरे पास...?
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डॉक्टर- मर नहीं रहे हो, 6 बजे का अपॉइंटमेंट था 7 बजे आए हो...!
दो नाली के कीड़े खाते समय आपस में बाते कर रहे थे।
एक कीड़ा, “यह सामने वाला होटल कितना साफ है, हर चीज शीशे की तरह चमकती है।
दूसरा कीड़ा, “महरबानी करो यार, कम-से-कम खाना खाते समय तो ऐसी घिनौनी बाते मत किया करो।
एक भैंस घबराई हुई जंगल मे भागी जा रही थी।
एक चूहे ने पूछा : क्या हुआ बहन कहाँ भागे जा रही हो?
भैंस : जंगल मे हाथी को पुलिस पकडने आई हैं।
चूहा : पर तुम क्यों भाग रहीं हो तुम तो भैंस हो?
भैंस : लगता हे तुम नये हो, ये भारत हें भाई! पकडे गये तो 20 साल तो अदालत मे ये सिद्ध करने मे ही लग जायेंगे कि मैं हाथी नही हूँ।
यह सुन भैंस के साथ चूहा भी भागने लगा
संता: ये लड़की बहुत सुन्दर है
बंता: मैं तो इसका नाम भी जानता हूं
संता: क्या नाम है? मैं उसे फेसबुक पर खोजूंगा
बंता-: यह बैंक मैं काम करती है, इसके काउन्टर पर इसका नाम लिखा है Accountant
एक दिन संता के देर से काम पहुँचने पर मेनेजर बोला, “लेट क्यों हो गए ?“
संता, “बस स्टॉप पर एक आदमी का सौ का नोट खो गया था, इस वजह से देर हो गई।“
मेनेजर, “अच्छा! तो तुम नोट ढूँढने में उसकी मदद कर रहे थे?“
संता – “नहीं सर! दरअसल मैं उस नोट के ऊपर खड़ा था”
बंता – अरे तू इतना मोटा कैसे हो गया
संता- हमारे घर में फ्रिज नहीं है ना
बंता- तो?
संता – कुछ बचा नहीं सकते, सब खाना पड़ता है
जिसने भी लिखा कमाल का लिखा---- पांचवीं तक स्लेट की बत्ती को जीभ से चाटकर कैल्शियम की कमी पूरी करना हमारी स्थाई आदत थी लेकिन इसमें पापबोध भी था कि कहीं विद्यामाता नाराज न हो जायें ।
पढ़ाई का तनाव हमने पेन्सिल का पिछला हिस्सा चबाकर मिटाया था ।
"पुस्तक के बीच पौधे की पत्ती और मोरपंख रखने से हम होशियार हो जाएंगे ऐसा हमारा दृढ विश्वास था"।
कपड़े के थैले में किताब कॉपियां जमाने का विन्यास हमारा रचनात्मक कौशल था ।
हर साल जब नई कक्षा के बस्ते बंधते तब कॉपी किताबों पर जिल्द चढ़ाना हमारे जीवन का वार्षिक उत्सव था ।
माता पिता को हमारी पढ़ाई की कोई फ़िक्र नहीं थी , न हमारी पढ़ाई उनकी जेब पर बोझा थी ।
सालों साल बीत जाते पर माता पिता के कदम हमारे स्कूल में न पड़ते थे ।
एक दोस्त को साईकिल के डंडे पर और दूसरे को पीछे कैरियर पर बिठा हमने कितने रास्ते नापें हैं , यह अब याद नहीं बस कुछ धुंधली सी स्मृतियां हैं ।
स्कूल में पिटते हुए और मुर्गा बनते हमारा ईगो हमें कभी परेशान नहीं करता था , दरअसल हम जानते ही नही थे कि ईगो होता क्या है ?
पिटाई हमारे दैनिक जीवन की सहज सामान्य प्रक्रिया थी ,
"पीटने वाला और पिटने
वाला दोनो खुश थे" ,
पिटने वाला इसलिए कि कम पिटे , पीटने वाला इसलिए खुश कि हाथ साफ़ हुवा।
हम अपने माता पिता को कभी नहीं बता पाए कि हम उन्हें कितना प्यार करते हैं,क्योंकि हमें "आई लव यू" कहना नहीं आता था ।
आज हम गिरते - सम्भलते , संघर्ष करते दुनियां का हिस्सा बन चुके हैं , कुछ मंजिल पा गये हैं तो कुछ न जाने कहां खो गए हैं ।
हम दुनिया में कहीं भी हों लेकिन यह सच है , हमे हकीकतों ने पाला है , हम सच की दुनियां में थे ।
कपड़ों को सिलवटों से बचाए रखना और रिश्तों को औपचारिकता से बनाए रखना हमें कभी नहीं आया इस मामले में हम सदा मूर्ख ही रहे ।
अपना अपना प्रारब्ध झेलते हुए हम आज भी ख्वाब बुन रहे हैं , शायद ख्वाब बुनना ही हमें जिन्दा रखे है, वरना जो जीवन हम जीकर आये हैं उसके सामने यह वर्तमान कुछ भी नहीं ।
हम अच्छे थे या बुरे थे पर हम एक साथ थे, काश वो समय फिर लौट आए ।
"एक बार फिर अपने बचपन के पन्नो को पलटिये, सच में फिर से जी उठेंगे”...
????????????????
हमारे पिताजी के समय में दादाजी गाते थे
मेरा नाम करेगा रोशन
जग में मेरा राज दुलारा",
हमारे ज़माने में हमने गाया ....
पापा कहते है
बड़ा नाम करेगा,
अब हमारे बच्चे गा रहे हैं ....
बापू सेहत के लिए ..
तू तो हानिकारक है!
????????????????सही में हम कहाँ से कहाँ आ गए????????????????????????
एक बार शिष्य ने गुरू से पुछा ????
अगर "किस्मत"
पहेले ही "लिखी" जा चुकी है तो,
"कोशिश" कर के क्या मिलेगा?????
???? गुरु ने कहा ????
क्या पता "किस्मत" में लिखा हो की,
"कोशिश" करने से ही मिलेगा!
अर्थात् सदैव "कार्य" के प्रति लगन रखिये।????????
राजू अपने दोस्त के साथ शराब पीते-पीते रोने लगा...
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दोस्त- क्या हुआ... क्यों रो रहे हो...?
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राजू- यार जिस लड़की को भुलाने के लिए पी रहा था,
उसका नाम याद ही नहीं आ रहा...!!!
संता नौकर से: ज़रा देख तो बाहर सूरज निकला है या नहीं ?
नौकर: बाहर तो अंधेरा है...!
संता: अरे तो टॉर्च जलाकर देख ले न कामचोर!
टीटू: तुम्हारे पापा क्या काम करते हैं?
पप्पू: जी वो गालियां खाने का काम करते हैं।
टीटू: क्या मतलब?
पप्पू: जी वो Customer Care Executive हैं।
संता एक बार आम खरीदने गया...
संता (फल वाले से): एक किलो आम कितने का है भाई?
दुकानदार: 50 रूपये का है।
संता 20 रूपए दे दो...
दुकानदार: 20 रूपए में तो सिर्फ गुठली मिलती है।
संता: ये पकड़ो 30 रूपए और आम दे दो, गुठली तुम रख लो!
संता एक बार आम खरीदने गया...
संता (फल वाले से): एक किलो आम कितने का है भाई?
दुकानदार: 50 रूपये का है।
संता 20 रूपए दे दो...
दुकानदार: 20 रूपए में तो सिर्फ गुठली मिलती है।
संता: ये पकड़ो 30 रूपए और आम दे दो, गुठली तुम रख लो!
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